प्रदूषण भयावह परिस्थिति
आज प्रदूषण अपने विकराल रूप में पहुँच चुका है। हम जानेंगें कि यह कैसे हमारे जीवन में ज़हर घोल रहा है और फिर जानेंगें कि इसको कैसे कम किया जा सकता है?
प्रदूषण के कारण वायु धीमे चलने लगेगी और सर्दी बढ़ने लगेगी। इसके कारण p m 2.5 पार्टिकल ख़तरनाक रूप धारण कर सकते हैं। जिसकी वजह से गर्भवती महिलाओं, बुज़ुर्गों और बच्चों में यह ज़्यादा ख़तरनाक हो सकता है। रिसर्च से पता चला है कि p m 2.5 और p m 10 का लेबल इतना ख़तरनाक होता है कि जिससे साँस की समस्या इमरजेंसी लेबल तक पहुँच जाती है और इसके पार्टिकल भी लोगों के फेफड़ों तक पहुँच सकते हैं इस कारण साँस लेने में दिक्कत हो सकती है जिससे फेफड़ों का कैंसर भी हो सकता है।
जब प्रदूषण हवा में ज़्यादा होता है तो ग़ुस्सा, अवसाद, खाँसी और ह्रदय रोग की संभावना बढ़ जाती है। यह बालों और त्वचा को भी प्रभावित करता है। P m 10 के महीन कण साँस के ज़रिये अंदर जाकर परेशानी पैदा कर सकते हैं।
यह धूल, गंध, गर्द, पुराली का धुँआं, धातु के कण, इमारतें बनने की वजह से ज़्यादा फैलता है। बड़े शहरों जैसे- दिल्ली, मुम्बई आदि जगहों पर तो इसका प्रभाव ज़्यादा देखने में आ रहा है। दिल्ली एन०सी०आर० तो गैस चैम्बर की तरह ही दिखाई देने लगा है। जब यह अपना उच्च लेबल पार कर जाता है तब हमें सब बंद कर देना चाहिये क्योंकि तब यह अपने चरम सीमा पर होता है।
हम तो इसे झेल जाते हैं क्योंकि भगवान ने हमें ईंट-पत्थर जैसा जो बनाया है।
हम मैक्रोलेबल पर तो कुछ नहीं कर सकते पर छोटे लेबल पर तो कर ही सकते हैं। इसलिये इससे बचने के कुछ उपाय दे रही हूँ जो शायद काम आयें-
1—भोजन में गुड़ को शामिल करें पर ध्यान रखें कि गुड़ मसाले वाला ना हो।
2—कहीं पर भी धूल-धक्कड और कूड़ा जलता दिखे तो रोकने का प्रयास करें।
3—तुलसी का अर्क गुनगुने पानी में मिलाकर दिन में दो बार लें।
4—शहद में जल मिलाकर पिएँ इससे इम्यूनिटि भी बढ़ जाती है।
5—संतुलित आहार लें, गरिष्ठ भोजन ना लें।
6—पानी ख़ूब पिएँ और वोमन करें।
7—कपूर रूमाल में बाँध लें और पूरे दिन सूँघते रहें।
8—बाहर से आने के बाद अपना चेहरा ज़रूर धोंएँ और भाप भी लें तो ज़्यादा फ़ायदा होता है।
9—बहुत से लोग मुँह से साँस लेते हैं तो वह तुरंत बंद कर दें।
10–सैर ना करें और बाहर बैठकर प्राणायाम भी ना करें।
11–गाय के उपले के ऊपर कपूर रखकर जलाएँ। इससे भी इसका असर कम होता है और घर का माहौल भी
ठीक रहता है।
12–बाहर से आने के बाद एक गिलास गुनगुने जल में नींबू डालकर पिएँ बहुत फ़ायदा होता है।
शोध से पता चला है कि घर में तीन पौधे लगाने से भी इसे कम कर सकते हैं जो इस प्रकार हैं…
एरिका पाम, मदर इन लाँ टंग प्लांट और मनी प्लांट। 2.5 के पैक्टिकल को मास्क भी रोक नहीं पाता है। अगर मास्क पहन रहे हैं तो उस पर पानी ज़रूर लगा लें ताकि वह गीला रहे और ज़्यादा असर करे।
आशा है आपको इससे कुछ मद्द अवश्य मिलेगी पूर्ण बचाव तो असंभव होता है पर घरेलू उपचार करके इसके असर को कम किया जा सकता है।
— नूतन गर्ग