परिवार
परिवार बिना जीवन सभी का अधूरा ,
खुशियों की एक माला की तरह परिवार होता,
प्रेम ,आदर, संस्कार सब परिवार से ही मिलते,
परम्परा और अनुशासन भी यही मिलते,
रिश्तों को निभाने के लिये त्याग करने पड़ते,
जन्मों के यह बन्धन परिवार में ही निभते,
धन,दौलत के चक्कर में परिवार से मत लड़ना
अपने विचारों के मतभेद को जग जाहिर न करना
संस्कारों का मान रख अपने फर्ज पूरे करना,
कभी न भूले हम अपने संस्कार परिवार से मिले,
पश्चिमी सभ्यता को न अपनाकर रीति रिवाज निभाएं ,
वैदिक संस्कृति मिली हमें सनातनी परम्परा को आगे बढ़ाएं,
धर्म और संस्कृति को हमें आदर देकर बचाएं,
रामायण,गीता,आदि के सार को सबको बताएं,
परिवार के महत्व को बच्चों को समझाएं.
— पूनम गुप्ता