कविता

विकसित भारत 

दो हज़ार सैंतालीस तक विकसित भारत बनाना है।

आत्मनिर्भर बने सभी  विज्ञान में अव्वल बनाना है।।

ग्रामीण विकास पहली प्राथमिकता रहे देश की भाई।

गाँव गाँव साक्षर बने सभी यह अभियान चलाना है।।

भारत आर्थिक महाशक्ति बने विश्व पटल पर छाना है।

युवाओं के कौशल विकास पर हमको ध्यान रखना है।।

युवा शक्ति का कर उपयोग  देश को समुन्नत बनाना है।

भारत विश्व गुरु है विश्व गुरु था विश्व गुरु रहेगा बताना है।

कल कारखाने कुटीर उद्योगों को नगर- नगर बढ़ाना है।

छोटे उधोगों में  उत्पादन कर विकसित देश बनाना है।।

योग , आयुर्वेद को अपनाकर तन मन निरोग करना है।

सुडौल सुदृढ बने कैसे सब यह युवाओं को समझाना है।।

राम ,कृष्ण ,महावीर के देश मे अहिंसा को अपनाना है।

सभ्यता व संस्कृति भारत की नित आगे ही बढ़ाना है।।

गीता के सदुपदेश कर्म करो फल की इच्छा न करो।

देश सेवा सबसे बड़ा कर्म है यह बात  हमें सिखाना है।।

मानव धर्म सबसे ऊंचा है मानवीय गुण संग रहना है।

जाति धर्म के झगड़े भूल  एकता का पाठ पढ़ाना है।।

ईश्वर एक है सब महापुरुष का बस इतना कहना है।

इंसानियत से रहना सीख लो यह सन्देश फैलाना है।।

— डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित

डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित

पिता का नाम - शिवनारायण शर्मा माता का नाम - चंद्रकला शर्मा जीवन संगिनी - अनिता शर्मा जन्म तिथि - 5 सितम्बर 1970 शिक्षा - एम ए हिंदी सम्प्रति अध्यापक रा उ मा वि सुलिया प्रकाशित कृतियां 1. आशीर्वाद 2. अभिलाषा 3. काव्यधारा सम्पादित काव्य संकलन राष्ट्रीय स्तर की पत्र पत्रिकाओं में सतत लेखन प्रकाशन सम्मान - 4 दर्ज़न से अधिक साहित्यिक सामाजिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित अन्य रुचि - शाकाहार जीवदया नशामुक्ति हेतु प्रचार प्रसार पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य किया संपर्क:- 98 पुरोहित कुटी श्रीराम कॉलोनी भवानीमंडी जिला झालावाड़ राजस्थान पिन 326502 मोबाइल 7073318074 Email [email protected]