विकसित भारत
दो हज़ार सैंतालीस तक विकसित भारत बनाना है।
आत्मनिर्भर बने सभी विज्ञान में अव्वल बनाना है।।
ग्रामीण विकास पहली प्राथमिकता रहे देश की भाई।
गाँव गाँव साक्षर बने सभी यह अभियान चलाना है।।
भारत आर्थिक महाशक्ति बने विश्व पटल पर छाना है।
युवाओं के कौशल विकास पर हमको ध्यान रखना है।।
युवा शक्ति का कर उपयोग देश को समुन्नत बनाना है।
भारत विश्व गुरु है विश्व गुरु था विश्व गुरु रहेगा बताना है।
कल कारखाने कुटीर उद्योगों को नगर- नगर बढ़ाना है।
छोटे उधोगों में उत्पादन कर विकसित देश बनाना है।।
योग , आयुर्वेद को अपनाकर तन मन निरोग करना है।
सुडौल सुदृढ बने कैसे सब यह युवाओं को समझाना है।।
राम ,कृष्ण ,महावीर के देश मे अहिंसा को अपनाना है।
सभ्यता व संस्कृति भारत की नित आगे ही बढ़ाना है।।
गीता के सदुपदेश कर्म करो फल की इच्छा न करो।
देश सेवा सबसे बड़ा कर्म है यह बात हमें सिखाना है।।
मानव धर्म सबसे ऊंचा है मानवीय गुण संग रहना है।
जाति धर्म के झगड़े भूल एकता का पाठ पढ़ाना है।।
ईश्वर एक है सब महापुरुष का बस इतना कहना है।
इंसानियत से रहना सीख लो यह सन्देश फैलाना है।।
— डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित