कविता

एक अटल है

अटल सिर्फ व्यक्ति नहीं
एक संपूर्ण व्यक्तित्व थे,
राजनीति के सूर्य और
चमकते प्रकाश थे।
सरल, सहज कवि हृदय
प्रखर वक्ता, सत्यपथ मार्गी
अनंत गुणों की खान थे।
श्रेष्ठ राजनेता जननेता थे
जनसंघ के जनक अटल
खुद में पुंज प्रकाश थे।
स्वयंसेवक राष्ट्र के बने
सतत विकास पुरोधा थे,
नहीं किसी से विद्वेष रखा,
सबसे प्रेम प्यार विश्वास परखा।
छल, कपट से दूर रहे,
बस अटल सत्य से आस रखा ।
लोकतंत्र का मान रखा,
सत्ता खोकर भी विश्वास रखा।
देश ऋणी है अटल की नीत का
अटल भाव है आज भी सबका ,
अटल प्रीत की रीति अटल का
अटल नाम आज भी अटल का।,
जिसको कोई डिगा न पाया
कवि हृदय को डरा न पाया,
परमाणु परीक्षण किया अटल ने
दुनिया को साहस दिखलाया।
वाकपटुता में दक्ष अटल थे
अटल प्रेम के मुरीद सभी थे
दुनिया में एक नाम अमर है
हम सब कहते उसे अटल हैं।
अटल नाम की अटल कीर्ति है
अजातशत्रु की छवि जिनकी रही है,
जिसका लोहा दुनिया ने माना
नाम वो केवल एक अटल है।

*सुधीर श्रीवास्तव

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