कविता

कविता

तुम्हें जिंदगी मुस्कुराती मिलेगी,

जरा गम से नजरें मिलाकर के देखो।

तुम्हे दुश्मनो की जरूरत नहीं है,

कुछ दोस्त तुम भी बनाकर तो देखो।

टूटे ये दिल का अहसास नही है,

जरा दिल किसी से लगाकर तो देखो।

तमन्ना है हमसे न रूठे कोई ,
हंसते हुए खुद मनाकर के देखो

आजमाना है तो कोई अपना भी हो,

हर किसी को न अपना बनाकर के देखो

वीणा चौबे

हरदा जिला हरदा म.प्र.