राजनीति
राजनीति
एक दिन बिल्ली ने चूहे को पुचकारते हुए कहा- ‘‘तुम व्यर्थ ही मुझसे डरतेे हो। मेरे साथ रहने की आदत डाल लोगे, तो मौज करोेगे।’’
‘‘मैं तुम्हारी राजनीति मेें नहीं आने वाला।’’ चूहे ने कहा और अपने प्राण बचाने झट से बिल में घुस गया।
बिल्ली किसी दूसरे चूहे की तलाश में चल पड़ी। बहुत घूमने के बाद जब वह लगभग निराश हो चुकी थी, तभी एक चूहा उसके पास आ गया। उसने कहा- ‘‘मेरे पड़ोसी चूहे के आतंक से मुझे बचाओ, जो मेरा सारा अनाज खा-खाकर बहुत मोटा होता जा रहा है और अक्सर मुझे धमकाता भी है।’’
बिल्ली को अपनी बात बनती दिखाई दी। वह छोटे से चूहे के साथ बड़े चूहे की खबर लेने पहुँच गई। उसने सोचा ‘‘पहले उस चूहे को देख लूँं ! यह मूर्ख तो अब जाएगा कहाँ।’’
- डाॅ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़