क्षणिका

क्षणिका

-1- लेखन

कांट छांट कर /
तोड़ मोड़ कर/
जब लिखने का/
प्रयास हुआ /
लेखन का उपहास हुआ!

-2- मानव या विषधर

हे मानव /
विषधर नहीं हो/
पर बदल केंचूली /
खुद डस अपनों को /
खुद ही दवा बन जाते हो /
इतना विष कहां से लाते हो?

-3- उपहास या संवेदना

किसी की निजता/
आत्महत्या, गिरफ्तारी,
और शवयात्रा की खबरें…
दिखाने का/
पत्रकारों को अधिकार है/
उपहास है या संवेदना …
सच यह बहस बेकार है 🙏

-4- उपकार

“नहीं गिनूंगी रोटियां”
कह बहू ने /
किया उपकार/
और चाही बस /
जमीं जायदाद।

-5- इम्पोर्टेड कार

बेटे की
बुलंदियों की गाथा/
“उन्होंने”/
सुनाई शाही अंदाज़ से/
कि छोड़ने आया था “उनको” वृद्धाश्रम/
वो नई इम्पोर्टेड कार से!

— अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’

*अंजु गुप्ता

Am Self Employed Soft Skill Trainer with more than 24 years of rich experience in Education field. Hindi is my passion & English is my profession. Qualification: B.Com, PGDMM, MBA, MA (English), B.Ed