कविता

रामराज्य का सपना


अब जब प्रभु श्रीराम जी
अपने धाम अयोध्याधाम आ गए हैं
अपने सिंहासन पर विराजमान हो गए हैं
अब रामराज्य भी हमसे बहुत दूर भी नहीं है।
जिसका सपना हम सब रोज देखते हैं
राम के रामराज्य सरीखे वातावरण में
जीने के सपने फिर से देखने लगे हैं।
अब हमारी उम्मीदों को पंख लग गए हैं,
राम जी के आगमन से हमारे सपनों के परवान चढ़ने के
आसार आसमान जितना बढ़ गए हैं
कि अब तो रामराज्य आ ही जायेगा।
हर ओर शांति भाईचारे का वातावरण होगा
हर ओर न्याय ही न्याय दिखेगा
अमीर गरीब ऊँच नीच का भेद मिटेगा
लूट खसोट भ्रष्टाचार का नाम न होगा
बहन बेटियों में डर न होगा
भूख से न कोई अब  मरेगा
सबको स्वास्थ्य, शिक्षा और समानता का
समान अधिकार होगा,
डर दहशत दंगा फसाद इतिहास बन जायेगा
शेर बकरी एक घाट पर पानी पियेंगे
मंदिर में अजान और मस्जिद में
आरती संग घंटे घड़ियाल बजेंगे
रामराज्य के सपने एक बार फिर जब साकार होंगे
हम सबके इस सपने को प्रभु राम जी जरुर पूरा करेंगे,
क्योंकि अब तो हम सबके प्रभु श्रीराम जी
अपने राजसिंहासन पर आ गए हैं।

*सुधीर श्रीवास्तव

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