मेरा भारत
जहां गंगा की निर्मल धारा बहती है
जहां जन-जन के हृदय में राष्ट्रभक्ति पलती है
वह देश है मेरा भारत !
जहां गांव-गांव में प्रेम हवा चलती है
जहां कृष्ण की बंसी मधुर बजती है
वह देश है मेरा भारत !
जहां नारी देवी सम पूजी जाती है
जहां ममता की मृदुल छांव पग-पग पर मिल जाती है
वह देश है मेरा भारत !
जहां योग पला और आयुर्वेद ऋचाएं गाईं जाती हैं
जहां रामायण- गीता घर-घर में पढ़ाई जाती है
वह देश है मेरा भारत !
जहां मानवता धन्य-धन्य हो जाती है
जहां नफरत भी शीश नवाती है
वह देश है मेरा भारत !
— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा