यह राष्ट्र धर्म हमारा है
नेकी करें मित्रता निभाएं यह राष्ट्र धर्म हमारा है।
सभी मिल कर साथ रहें बस यही हमारा नारा है।
देश हित की सोच रखें, कुप्रथा को हम उखाड़ दें,
उच्च नीच का भेद मिटादें ऐसा यहाँ भाईचारा है।
उठा कर के हम गले लगाएं गिरे हुए इंसानों को,
मिल बाँट कर हम सब खाएं ऐसा कर्म हमारा है।
मां बहन बेटी की इज्जत करना यह रीत हमारी है,
उनके मान को ठेस न पहुँचे उनका मर्म हमारा है।
अखंड देश के हम पुजारी मानवता हमारी सेवा है,
सर्वधर्म का आदर करते हर कण में ईश पसारा है।
हम से हमारा राष्ट्र है हम जान न्योछावर कर देंगें,
उज्जवल, पावन हराभरा यह भारत देश प्यारा है।
उत्तर में हिमालय प्रेहरी, दक्षिण में वृहत समुद्र है,
मिट्टी उगले सोना चांदी यहाँ बहती अमृत धारा है।
गणतंत्र है प्रिय दिवस हम सब मिल हर्ष से मनाएं,
गगन से ऊँचा तिरंगा लहराता यह गौरव हमारा है।
— शिव सन्याल