नेता जी
नेता की तुलना गिरगिट से क्या करना
रंग बदलने में वह उससे भी ज्यादा माहिर है
अपना थूका ही चाट ले
चाट ले फिर मुस्कुरा दे
जिसको दे गाली
उसी के तलुवे चाट ले
उसे गाली दे दो
कह लो मक्कार
सब हँस सह ले
खाल है गैंडे जैसी मोटी
न होता उस पर कोई असर
यह आजकल के नेता हैं
कोई आदर्शवादी नहीं
जो पेश करे नज़ीर
यह तो हरज़ाई हैं
सत्ता के हैं लोलुप
सत्ता का सुख भोगने की इन्हें रहती सतत लालसा
इन्हें तो है बस सत्ता से प्यार
सो जूते मार लो
पर दे दो सत्ता का सिंहासन