मुक्तक/दोहा मेरे राम समीर द्विवेदी नितान्त 04/02/2024 हृदय मध्य श्री राम रखि, मन द्वारे हनुमंत ।। रसना नित सुमिरन करे, राघव नाम अनंत ।। — समीर द्विवेदी नितान्त