शैक्षिक विकास
-: शैक्षिक विकास :-
शिक्षा के स्तर में सुधार करने के लिए शासनादेश जारी हुआ कि जिन अध्यापकों का परीक्षा परिणाम संतोषजनक नहीं होगा उनकी वार्षिक वेतन वृद्धि रोक दी जाएगी।
शिक्षा सत्र पूरे जोश के साथ शुरु हो गया।
इसी बीच चुनाव कार्यालय ने मतदाता सूची के संशोधन हेतु दो माह के लिए तीस प्रतिशत शि क्षकों की चुनावी ड्यूटी लगा दी, उसके बाद पल्स पोलियो अभियान तथा अन्य प्रकार के सर्वे करने के लिए भी कुछ अन्य शिक्षकों को लगाया गया।
विद्यालय में शिक्षा सत्र भी चलता रहा। आनन-फानन पाठ्यक्रम पूरा होता रहा।
शिक्षा सत्र समाप्ति की ओर बढ़ गया। वार्षिक परीक्षाएँ शुरू हो गईं। वेतनवृद्धि रूकने के डर से परीक्षा-कक्ष को सामूहिक नकल केंद्र में बदल दिया गया।
छात्र खुश थे कि वे अगली कक्षा में पहुँच गए और शिक्षकों का खुश होना स्वाभाविक था क्योंकि किसी की भी वेतनवृद्धि नहीं रोकी गई।
शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार की चर्चा चारों ओर हुई और राज्य सरकार ने अपने एक वर्ष का शासनकाल पूर्ण होने पर इसे अपनी एक उपलब्धि के रूप में प्रचारित करवाया।
डाॅ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़