मुक्तक/दोहा

कलंक

गुरु नानक भी रोते होंगे, सत्ता के अनुमानों पर।
मिर्ची पाउडर और गड़ासे, करते वार जवानों पर।
दिल्ली वाले सिसक रहे हैं, भाड़े के नादानों पर।
इन्हें अन्नदाता मत कहिए, ये हैं कलंक किसानों पर।

— सुरेश मिश्र

सुरेश मिश्र

हास्य कवि मो. 09869141831, 09619872154