गीत/नवगीत

वीर सावरकर जी

अंडमान का, सेल्युलर जेल
जिनसे बन गया, अब तपोवन है
ऐसे वीर सावरकर , जी को
‌ ‌हमारा शत् शत् , नमन है ।।

प्रकांड वक्ता एवं स्वतंत्रता सेनानी
अंग्रेजी हुकूमत को, पिलाया पानी
नतीजतन सजा,मिली काला पानी
क्या खूब था, वह अमर बलिदानी

चेतना समूह करता, भावभीनी
अर्पित अपने , श्रद्धा सुमन है
ऐसे वीर सावरकर, जी को
हमारा शत् शत् , नमन है।।

राष्ट्र भक्ति से, वह ओत-प्रोत थे
ज्ञान का वे एक, अप्रतिम कोष थे
थी नेतृत्व की, विलक्षण क्षमता
और की देश की, मिट्टी से ममता

भारतीय, जन-मानस का

बस निर्विवाद, यही कथन है
ऐसे वीर सावरकर, जी को
हमारा शत् शत् , नमन है।।

एक महान लेखक, एवं विचारक
रग रग हिन्दू , और धर्म प्रचारक
हिन्दू महासभा के, रहे अध्यक्ष वह
स्वतंत्र संग्राम के, थे वे महानायक

था देश को समर्पित,उनका जीवन
हिन्दुत्व जिनका ,जीवन-दर्शन है
ऐसे वीर सावरकर, जी को
‌‌ हमारा शत् शत् , नमन है ।।

पिंचानवे वर्ग फुट की काल कोठरी
न हवा पानी, न ही रोशनी
एक तरफ समुंदर, का काला पानी
ऐसी थी दस साल, की जिंदगानी

चाहे जितना, भी फड़फड़ाओ
यहां व्यर्थ , सभी जतन हैं
ऐसे वीर सावरकर, जी को
हमारा शत् शत्, नमन है।।

जेल को ही, बनाया पाठशाला
राष्ट्र भाषा का, ज्ञान बांट डाला
हिंदुत्व तो इनकी, नस-नस में था
दिल के अंदर, धधकती थी ज्वाला

इतने वर्ष जेल में, रहकर भी
वही पक्की धुन, व पक्की लगन है
ऐसे वीर सावरकर , जी को
हमारा शत् शत् , नमन है।।ं

पंद्रह वर्ष उन्होंने, जेल में बिताए
अंग्रेजों ने दी, अनगिनत यातनाएं
कांग्रेस को कभी, वह रास न आए
हैं इतिहास के, वे स्वर्णिम अध्याय

करोड़ों भारतीयों के,प्रेरणा श्रोत वे
न मिले तब भी, वह भारत रत्न हैं
ऐसे वीर सावरकर, जी को
हमारा शत् शत् , नमन है।।

करोड़ों भारतीयों के,प्रेरणा श्रोत वे
न मिले तब भी, वह भारत रत्न हैं
ऐसे वीर सावरकर, जी को
चेतना समूह का,शत् शत् नमन है

ऐसे वीर सावरकर, जी को

चेतना समूह का, शत् शत् नमन है

— नवल अग्रवाल

नवल किशोर अग्रवाल

इलाहाबाद बैंक से अवकाश प्राप्त पलावा, मुम्बई