कौन है लाश
कौन है लाश,
क्यों मौन है लाश,
क्यों नहीं रहा अब
नैतिकता में विश्वास,
जिंदगियां क्यों खो रही उजास,
कह भी दो कौन है लाश,
क्यों उग्र है लालच,
दिखा देती जलालत,
व्यग्रता भरी है सब में
कहां छुप गई आस,
कौन है लाश,
क्यों मौन है लाश,
कब रुके दंगल,
कौन देगा संबल,
आग लगाने एक तीली काफी है
नहीं चाहिए तपन का बंडल,
लड़ते रहे तो छुप जाएगा मंगल,
क्यों दे रहे हर कोई
एक दूसरे को आघात,
कौन है लाश,
क्यों मौन है लाश।
— राजेन्द्र लाहिरी