शब्द में था का होना
हिंदी के शब्द कुछ में था…….
एक आप बीती कहानी है
हर एक के जीवन के हिस्से में
बनती-बिगड़ती रवानी है….
जो गया ज़िंदगी से वो था…
अपने किस्से में सब रुहानी है…
दुआ-बदुआ कोई दास्तां नहीं
जो गया था.. वो याद पुरानी है..
जियो और जीने दो समझकर
आगे बढ़ना चलना सीख गए..
पीछे मोड़ कर मत देखो…
असल मे यही ज़िंदगानी है…
कि खुद को उसूलों में रखकर
किसी को नीचे मत गिराओ….!!
— नंदिता तनूजा