स्पेशल अंदाज
“दादाजी इस साल मैं अपना बर्थ डे स्पेशल अंदाज में मनाना चाहता हूँ. इसके लिए मुझे आपकी मदद चाहिए.” चिंटू ने दादा जी से चहकते हुए कहा.
“मेरी मदद ? जरूर मिलेगी बरखुरदार. बोलो मैं इसमें तुम्हारी क्या मदद कर सकता हूँ.” दादा जी ने अपने सदाबहार अंदाज में कहा.
“वह स्पेशल अंदाज क्या होगा ? यही बताने में मुझे आपकी मदद चाहिए दादा जी.” चिंटू कहा.
“अच्छा, तो आइडिया बताना है मुझे ?” दादा जी बोले.
“हाँ दादा जी. कुछ अच्छा-सा आइडिया दीजिए, जिसे लोग वर्षों तक याद रखें.” चिंटू कहा.
“हूँ… चिंटू बेटा, आ गया मेरे दिमाग में एक धाँसू आइडिया.” दादा जी ने कहा.
“फिर जल्दी से बताइए न दादा जी. ज्यादा सस्पेंस मत क्रियेट कीजिए.” चिंटू उतावला होने लगा था.
“बेटा इस बार तुम दस साल के हो जाओगे. क्यों न तुम अपने जन्मदिन पर दस पौधे लगा कर उनकी पूरी देखभाल का प्रण लो. बस 4-5 साल देखभाल करनी है, फिर ये पौधे सैकड़ों साल तक पर्यावरण को स्वच्छ बनाते रहेंगे. तुम चाहो तो ये पौधे मैं तुम्हें कृषि विभाग से दिलवा दूंगा.” दादा जी ने समझाया.
“वाओ, व्हाट ए फेंटेस्टिक आईडिया. यू आर जीनियस दादा जी. मैं ऐसा ही करूंगा.” खुशी के मारे दादा जी को बांहों में भर लिया चिंटू ने. इस प्रकार दादा-पोता ने स्पेशल अंदाज में बर्थ डे मनाने के प्लान को अंतिम रूप दे दिया.
— डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा