रामलला, वैश्विक बदलाव और भारतीय अर्थव्यवस्था
अंततः लंबी प्रतीक्षा के बाद २२जनवरी ‘२०२४ को करोड़ों हिंदुओं का सपना पूरा हो गया,जब अयोध्याधाम के नव निर्मित भव्य राम मंदिर में बालरूप में मोहक मुस्कान बिखेरते मर्यादा पुरुषोत्तम राम के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई। विभिन्न अवरोधों को पार करते हुए यह अभूतपूर्व पल आया, जिसकी गूंज वैश्विक स्तर पर रेखांकित हुई।
ऐसे में जो दिखा और निरंतर देखने में आ रहा है, उसका स्वरूप व्यापकता की ओर सतत् अग्रसर हो रहा है।जिस तेजी से राम मंदिर निर्माण और अयोध्या के विकास, अंतरराष्ट्रीय सुविधाओं से सुसज्जित करने का सिलसिला अबाधरुप से चल रहा है। जिसके फलस्वरूप लगभग २०,००० लोगों को परोक्ष और एक लाख लोगों को अपरोक्ष रूप से रोजगार मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है। वैश्विक स्तर पर अयोध्या की महत्ता अनुमान से अधिक श्रद्धालुओं के निरंतर आगमन से लगाया जा सकता है। अयोध्या विश्व की धार्मिक राजधानी बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। जिसके लिए प्रदेश, देश की सरकारें कटिबद्ध लग रही है, कुछ विश्वसनीय सरकारी संगठन, एजेंसी भी इसका अनुमान प्रकट कर रही हैं। जिसके फलस्वरूप यह माना जा रहा है, राममंदिर के परिप्रेक्ष्य में अयोध्या का विकास न केवल रोजगार देने और प्रदेश देश को अर्थव्यवस्था में अपना योगदान देने में निकट भविष्य में सर्वाधिक अग्रणी होने जा रहा है। अनेक देशों में भगवान राम को मानने वालों की बड़ी संख्या होने के कारण भारत के द्विपक्षीय संबंधों में और प्रगाढ़ता बढ़ेगी और बहुत से ऐसे देश भारत से अपने संबंधों को मजबूत करने को उत्सुक होंगे, जिसका लाभ वैश्विक स्तर पर दिखेगा और इसके फलस्वरूप न केवल राजनायिक संबंध बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक, व्यापारिक, धार्मिक, आर्थिक और पर्यटन के स्तर पर भी होगा। जिसका लाभ किसी एक देश को ही नहीं होगा बल्कि वैश्विक स्तर पर भी होगा। जिसके परिणामस्वरूप रोजगार और सहयोग को विस्तार मिलेगा, राम राज्य का जो सपना हम आप देखते हैं , उसे साकार होने की ओर कदम तेजी से बढ़ेगा।
यूं तो कहने को एक मंदिर ही तो है लेकिन इसके पार्श्व में जो व्यापकता छिपी है उसका परिणाम अभी आना शेष है, लेकिन यह कहना अतिश्योक्ति नहीं है कि उसकी किरणें प्रस्फुटित होने लगी हैं। जिसका आभास हमें हो रहा है या नहीं, लेकिन वैश्विक संस्थाओं, विशेषज्ञों और प्रदेश, भारत सरकार को जरूर हो रहा है और अगले पांच सालों में भारत कहां होगा इसकी कल्पना शायद हम आप क्या किसी व्यक्ति, संस्थान या सरकार को भी नहीं होगा। देश की अर्थव्यवस्था की मजबूती और रोजगार की समस्यायों के हल की दिशा में राममंदिर और अयोध्या की प्रभावी भूमिका होगी।जिसका परिणाम अगले पांच वर्षों में सामने होगा। तब भारत विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बनकर सामने आ जाय तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।