हल्ला गुल्ला सीजन 2 ने मनाया फाग उत्सव
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बासंती बयार के बीच फागुनी फागुन की मदमस्त कर देने वाली हवा में कई वृक्षों पर फूलों का श्रृंगार अद्भुत रूप से देखने को मिल रहा है । सरसों , लाजवंती और कई प्रकार के फूलों की उभरती हुई छवियों को देखकर जब रचनाकार अपने शब्दों में उन्हें कैद करके जब पाठकों के लिए रचना के रूप में उन्हें बांधता है तो उनकी झंकार , झलक का स्वरूप जब रचनाकार की रचना पाठकों को तक पहुंचती है तो निश्चित रूप से उसकी अनुभूति करना एक अलग प्रकार की अनुभूति है। हर भाषा और संस्कृति के रूप में साहित्यिक रचना संसार में विभिन्न रंगों का वास होता है यही जिसमें प्रेम , राग , अनुराग जैसे कई रंगों के रंग से रंगी होती है हमारे बीच मनाए जाने वाले कई प्रकार के उत्सव और त्योहार नव संचार का माध्यम बनते हैं और रचनाकार इस खास मानकर अपनी रचना के माध्यम से किसी प्रकार से कोई प्रार्थना या गीत , गजल , कविता लिखता है या सृजन करता है तो वह रचनाकार का मूल स्वभाव उसकी रचना में कल्याणकारी रूप में होता है जिसमें जीवन का संघर्ष और गतिशीलता की भूमिका होती है उक्त उद्बोधन हल्ला गुल्ला सीजन 2 की फागुनी काव्य गोष्ठी में अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ शिक्षाविद रामचंद्र कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा वही मुख्य अतिथि भारत सिंह चौहान एवं अतिथि पुष्प लता शर्मा ने कहा कि , जिस रचनाकार के भीतर संवेदना के स्वर सुनने वाला रचनाकार जब किसी शब्द के माध्यम से शब्दों को समेट कर किसी रचना का निर्माण करता है तो वह निर्माण नहीं बल्कि किसी संस्कृति , उत्सव में प्राण चेतना का संचार करती है । यह रचनाकार की रचना कोई मामूली या साधारण सी रचना नहीं होती बल्कि वह सभी रसों में लिखी गई होती है। यह एक ऐसी अभिव्यक्ति है जिसे गीत गजल कविताओं के रूप में व्यक्त की जाती है ।
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हल्ला गुल्ला 2 सीजन में संस्थापक मार्गदर्शक ओज कवि स्वर्गीय आजाद भारती की स्मृति में प्रथम सम्मान व्यंग्यकार हास्य कवि प्रकाश हेमावत को दिया गया इस पावन स्मृति अवसर पर प्रकाश हेमावत ने कहा कि यह सम्मान मेरा सम्मान नहीं बल्कि आजाद भारती का सम्मान है जिनकी स्मृति को चिरस्थाई स्मृति के रूप में मुझे सम्मान दिया गया । तत्पश्चात काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया इस काव्य गोष्ठी में सरस्वती वंदना अश्विनी पापटवाल ने मधुर आवाज में पढ़ी तत्पश्चात काव्य गोष्ठी में प्रथम कवि के रूप में गीतकार हरिशंकर भटनागर ने अपने गीत में फागुन की महकती हुई पवन को केंद्रिय भाव में रखतें हुए अपने गीत को सुनाया तो वही कैलाश वशिष्ठ ने दोहों में अपनी बात कही अकरम शिरनी ने अपनी ग़ज़ल में झूठ , फरेब , छल , कपट और नफरत को दफन करने की बात कही वही उभरती हुई युवा कवयित्री अश्वनी पापटवाल ने राष्ट्रीय चिंतन के रूप में गीत पढ़ा वैदेही कोठारी ने राम मंदिर की भव्यता को लेकर अपनी कविता पाठ किया रणजीत सिंह राठौड़ ने जीवन की जीजीविषा को लेकर अपनी बात रखी तो वही छत्रपाल सिंह बड़ौदा ने सोशल मीडिया के तमाम कार्यकलापों को अपनी रचना में केंद्रित करके अपनी बात कही मुकेश सोनी सार्थक ने अपनी ग़ज़ल में फागुन की मदमस्त कर देने वाली हवाएं को श्रृंगार के रूप में गढ़ कर गजल कही सुभाष शर्मा , यशपाल तंवर , भावना शर्मा , पुष्प लता शर्मा ने विभिन्न पहलुओं को अपनी रचना में रखकर इस फागुन पर्व पर अपनी रचना सुनाईं प्रकाश हेमावत ने हास्य व्यंग्य की फुल झडियों से माहौल में हास्य का माहौल बना दिया दिनेश बारोट सरवन ने अपने मधुर कंठ की सुरीला आवाज में मातृत्व भाव पर अपना गीत सुनाया भारत सिंह चौहान , अनीश खान , अलक्षेन्द्र व्यास , गौरी शंकर खींची , जवेरीलाल गोयल , सुभाष यादव , जुझार सिंह भाटी , जन्मेजय उपाध्याय , रामचंद्र फुहार ने अपनी रचना में प्राकृतिक चित्रण को जनमानस के बीच में लाकर अवनी को आंचल बनाकर सूर्य की अरूणाई को श्रम की सरिता से अपने मन की अभिव्यक्ति को रचना में उतार कर अपनी रचना पाठ किया कार्यक्रम का संचालन गीतकार दिनेश बारोट सरवन ने किया एवं कार्यक्रम का आभार हल्ला गुल्ला सीजन 2 सूत्रधार जुझार सिंह भाटी ने किया ।
हल्ला गुल्ला सीजन 2 सूत्रधार जुझार सिंह भाटी
— प्रकाश हेमावत