जाते जाते वोह साथ अपने
जाते जाते वोह साथ अपने – ख़ुशियाँ हमारे दिल की ले गया
सूनी सूनी हमारी आंखों में – आँसू ग़मों से भरे दे गया
गुज़र तो जाए गी यिह बे बसी की ज़िन्दगी – किसी ना किसी तरह
मगर कहते नही इस को ज़िन्दगी – असल ज़िन्दगी तो वोह अपने साथ ले गया
मुश्किल रास्ते भी इस ज़िन्दगी के – गुज़र जाएंगे किसी ना किसी तरह
कट जाए गी यिह बेज़ार ज़िन्दगी – और तन्हाइी भी जो वोह हमें दे गया
मगर कैसे मिलेगी वापस ज़िन्दगी – वोह बे दर्द जो हम से ले गया
साथी जिसे हम समझते थे अपना – बे दर्द वोह उसे अपने साथ लै गया
दुनिया वालो अगर वोह कहीं – मिल जाए आप को ज़िन्दगी में
तो आंखों का हमारी सलाम – उस बेवफ़ा को ज़रूर दे देना
कह देना कि वफ़ा हमारे जैसी – नही मिलेगी इस दुनिया में
प्यार और वफ़ा हमारी ज़िन्दगी की -जो अपने साथ ले गया
सदक़े आज भी उतारते हैं – उस के अपने दिल से मदन
वारते हैं अपनी जान उस पर – सिला जो हमारी मोहब्बत का दे गया
यादें बनकर जो आज भी – रहता है हमारे नादान दिल में
दूर तो वोह हुआ हम से मगर फिर भी -अहसास तो अपने दिल के दे गया
— मदन लाल