फासले
डर लगने लगा है
आदमी को आदमी से
इसलिए मिलता है
इक दूजे से
फासले से
कोई करे अगर बार
बेअसर कर सके उसे
ऐसा न हो लग गले
ख़ोप दे खंजर पीठ में
डर लगने लगा है
आदमी को आदमी से
इसलिए मिलता है
इक दूजे से
फासले से
कोई करे अगर बार
बेअसर कर सके उसे
ऐसा न हो लग गले
ख़ोप दे खंजर पीठ में