कविता

मेरे जाने के बाद…

मेरे शब्दों की आवाज़
गूँजेंगी ज़हन में तुम्हारे
…मेरे जाने के बाद

कोरे पन्नों पर लिखी
जो दास्तान हमारी
पढ़ी जायेगी एक दिन
…मेरे जाने के बाद

होने पर मेरे
जिन्हें यक़ीन न हुआ
उन्हें भी अहमियत मेरी
समझ आयेंगी
…मेरे जाने के बाद

खो गई वो सारी
सुकून भरी बातें
…मन बेचैन है
तेरे जाने के बाद

छाई बदली विरह की
बरसे भीगे नैन
…तपती है दिल की ज़मीं
तेरे जाने के बाद

बचा नहीं कुछ भी
अब मुझमें मेरा
…सब नाम हुआ तेरा
तेरे जाने के बाद

आबोहवा बदली है
हर शय की
…मंजर सारा बेनूर हुआ
तेरे जाने के बाद

— मनोज शाह मानस

मनोज शाह 'मानस'

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