कविता

माँ

जो तुम जन्नत ढूंढ रहे
वो सिर्फ मां के आंचल में।

जो तुम मोहब्बत ढूंढ रहे
वो सिर्फ मां की गोद में।

जो तुम लगाव ढूंढ रहे
वो बस माँ की आंखों में।

जो तुम स्वर्ग ढूंढ रहे
वो बस माँ के पांव में।

जो तुम उल्लास ढूंढ रहे
वो बस माँ की बाहों में।

जो तुम तड़प ढूंढ रहे
वो बस माँ की आहो में।

— डॉ. राजीव डोगरा

*डॉ. राजीव डोगरा

भाषा अध्यापक गवर्नमेंट हाई स्कूल, ठाकुरद्वारा कांगड़ा हिमाचल प्रदेश Email- [email protected] M- 9876777233