वासुकि नाग की खोज सनातन प्रमाण
प्राचीन समय में सरीसृप प्रजाति के जीव बहुत बड़े आकार में होते थे।वही इंसान का कद भी काफी बड़ा होता था।उस समय वातावरण उनके लिए बहुत अनुकूल रहा होगा।खाने के लिए भरपूर भोजन का साधन मौजूद था।मगरमच्छ, मछली,डायनोसोर, कछुए,सरीसृप, हाथी,ऊंट,जिराफ,गैंडे, दरियाई घोड़े आदि की भिन्न भिन्न प्रजाति रहती थी।वर्तमान में कुछ विलुप्त हुए और शेष रही प्रजाति का आकार छोटा होता चला गया।वर्तमान में खोजे गए जीवाश्म वासुकि नाग के अस्तित्व पर आइ आइ टी रुड़की के विज्ञानियों ने 4.7करोड़ वर्ष पुराने वासुकिनाग के अवशेष पर अपनी मोहर लगा दी है।वासुकि नाग का प्राचीन ग्रँथों में उल्लेख है।गुजरात के कच्छ मे पन्ध्रो लिग्नाइट खदान से समुद्रमंथन में मंदराचल पर्वत पर लपेटे गए वासुकि नाग के अवशेष प्राप्त होना सनातन धर्म का तथ्यात्मक प्रमाण पर गर्व है।
— संजय वर्मा “दृष्टि”