धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

वासुकि नाग की खोज सनातन प्रमाण

प्राचीन समय में सरीसृप प्रजाति के जीव बहुत बड़े आकार में होते थे।वही इंसान का कद भी काफी बड़ा होता था।उस समय वातावरण उनके लिए बहुत अनुकूल रहा होगा।खाने के लिए भरपूर भोजन का साधन मौजूद था।मगरमच्छ, मछली,डायनोसोर, कछुए,सरीसृप, हाथी,ऊंट,जिराफ,गैंडे, दरियाई घोड़े आदि की भिन्न भिन्न प्रजाति रहती थी।वर्तमान में कुछ विलुप्त हुए और शेष रही प्रजाति का आकार छोटा होता चला गया।वर्तमान में खोजे गए जीवाश्म वासुकि नाग के अस्तित्व पर आइ आइ टी रुड़की के विज्ञानियों ने 4.7करोड़ वर्ष पुराने वासुकिनाग के अवशेष पर अपनी मोहर लगा दी है।वासुकि नाग का प्राचीन ग्रँथों में उल्लेख है।गुजरात के कच्छ मे पन्ध्रो लिग्नाइट खदान से समुद्रमंथन में मंदराचल पर्वत पर लपेटे गए वासुकि नाग के अवशेष प्राप्त होना सनातन धर्म का तथ्यात्मक प्रमाण पर गर्व है।

— संजय वर्मा “दृष्टि”

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /antriksh.sanjay@gmail.com 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच