क्षणिकाएं
1 श्री राम कहो तुम्हारे
कहने से/वंदन होता है
निशि दिन।
जय घोष हमारे करने से
मन पावन होते प्रतिदिन।
2
अजेय राम नाम है
पुनीत पुण्य धाम है
समग्र देवलोक में
राम लला विद्यमान हैं।
3
हुआ अलावों का शहर
कतरा कतरा सांझ।
सूरज अगवा हो गया
बिन बादल आकाश।
चारों ओर फिर भी
घिरा हुआ तूफान है।
कैसे टालें जिद है/और
हवाएं मौन ।
4
जीवन के साकेत में
जन्मे हैं श्री राम।
राम जहां हैं/अवध पुरी
शाम जहां हैं पीर ।
मन के दर्द को दूर करो
ए मेरे रघुवीर।
सुनो देश वासियों
पुनः मां भारती।
राम के स्वरूप का नाम है पुकारती।
— श्रीमती प्रतिभा पुरोहित