कविता

गहरे जज़्बात

मौन होकर भी
कुछ अनकहे एहसास
मुझ तक आते हैं…..

तेरे होने का जज्बा
ये मुझे यकीं
अक्सर दिलाते हैं…

तूने समय से थामा
जब मेरा हाथ
कोई पछतावा नही
कभी रहा तेरे साथ…..

दिल की हर धड़कन
एक आने से तेरे यूँ
खिलखिला जाते हैं…..

एतबार सोचा कभी
बस तुमकों देखा
इश्क़ में झुक जाते हैं…

तुम की पहचान यही
मेरे किरदार में छुपा
तेरे एहसास नज़र आते हैं…

कि कभी मेरे इश्क़ ने हार के भी किया..
तो वो है तेरा सजदा…!!

— नंदिता तनूजा

तनूजा नंदिता

नाम...... तनूजा नंदिता लखनऊ ...उत्तर प्रदेश शिक्षा....एम॰ ए० एंव डिप्लोमा होल्डर्स इन आफिस मैनेजमेंट कार्यरत... अकाउंटेंट​ इन प्राइवेट फर्म वर्ष 2002से लेखन में रुचि. ली... कुछ वर्षों तक लेखन से दूर नहीं... फिर फ़ेसबुक पर वर्ष 2013 से नंदिता के नाम से लेखन कार्य कर रही हूँ । मेरे प्रकाशित साझा संग्रह.... अहसास एक पल (सांझा काव्य संग्रह) शब्दों के रंग (सांझा काव्य संग्रह) अनकहे जज्बात (सांझा काव्य संग्रह ) सत्यम प्रभात (सांझा काव्य संग्रह ) शब्दों के कलम (सांझा काव्य संग्रह ) मधुबन (काव्यसंग्रह) तितिक्षा (कहानी संग्रह) काव्यगंगा-1 (काव्यसंग्रह) लोकजंग, शिखर विजय व राजस्थान की जान नामक पत्रिका में समय समय पर रचनाएँ प्रकाशित होती रहती है । मेरा आने वाला स्वयं का एकल काव्य संग्रह... मेरी रुह-अहसास का पंछी प्रकाशन प्रक्रिया में है नई काव्य संग्रह- काव्यगंगा भी प्रकिया में है कहानी संग्रह भी प्रक्रिया में है संपर्क e-mail [email protected] Facebook [email protected]