गहरे जज़्बात
मौन होकर भी
कुछ अनकहे एहसास
मुझ तक आते हैं…..
तेरे होने का जज्बा
ये मुझे यकीं
अक्सर दिलाते हैं…
तूने समय से थामा
जब मेरा हाथ
कोई पछतावा नही
कभी रहा तेरे साथ…..
दिल की हर धड़कन
एक आने से तेरे यूँ
खिलखिला जाते हैं…..
एतबार सोचा कभी
बस तुमकों देखा
इश्क़ में झुक जाते हैं…
तुम की पहचान यही
मेरे किरदार में छुपा
तेरे एहसास नज़र आते हैं…
कि कभी मेरे इश्क़ ने हार के भी किया..
तो वो है तेरा सजदा…!!
— नंदिता तनूजा