कविता

सबसे बड़ा झूठ

ऐसा क्यों है?

हमें समझ नहीं आता 

हम रोज ही लगभग ऐसा करते ही रहते हैं

कल मिलने का आश्वासन देते हैं

कल ये ये ,वो वो करने का वादा करते हैं

कल का विश्वास बड़े आत्मविश्वास से दिलाते हैं।

पर ये सब कहते करते हम कहाँ विचार करते हैं?

कि कल कहाँ और कब आता है

आता तो सिर्फ और सिर्फ आज है

और हम खुद को ईश्वर मानकर 

काफी कुछ कल पर टाल देते हैं,

सच कहें तो जीवन का सबसे बड़ा अपराध करते हैं

और सगर्व खुद को खुदा समझते हैं।

सच तो यह है कि 

हमें अगले पल का भी कुछ पता नहीं

फिर भी हम कल का आश्वासन ससम्मान देते हैं

बड़े विश्वास से विश्वास दिलाते हैं,

किसी और को नहीं खुद को गुमराह करते हैं।

क्योंकि हम आज में नहीं

कल पर बड़ा विश्वास करते हैं,

उस कल में जो कभी आता ही नहीं

यह जानते हुए भी कि मृत्यु जितना ही ये सच है

क्योंकि आज कभी जाता ही नहीं।

फिर भी हम आज को नजरंदाज करते हैं

कल पर बड़ा विश्वास करते हैं,

और फिर इसी कल के इंतजार में

आज ही दुनिया को अलविदा कह 

सबसे बड़े झूठे बन जाते हैं। 

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921