धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

मातृत्व का प्राचीन उदाहरण

कृष्ण की लीलाओ का वर्णन प्राचीन ग्रंथो में मिलता है मातृत्व की भावना का पक्ष भी कुछ इस तरह मिलता है – 

 श्रीमदभागवतके छठे अध्याय मे बताया गया है कि पूतना नामक क्रूर  राक्षसी ने बालक श्रीकृष्ण को मारने हेतु अपनी गोद  में लेकर उनके मुहँ  में अपना स्तन दे दिया,जिससे बड़ा भयंकर और किसी प्रकार न पच सकने वाला विष लगा हुआ था ।निशाचरी  पूतना को स्तनों में इतनी पीड़ा हुई की वह अपने को छिपा न सकी,राक्षसी रूप में प्रकट हो गई ।उसके शरीर से प्राण निकल गए ,मुह फट  गया,बाल बिखर गए और हाथ -पाँव फूल गए|पूतना के भयंकर शरीर को देख कर सबके सब ग्वाल और गोपियों ने देखा की बालक श्रीकृष्ण उसकी छाती पर निर्भय होकर खेल रहे है,तब वे थोड़ी घबराई और श्रीकृष्ण को उठा लिया ।जिस तरह वर्तमान में माताएं अपने बच्चों को बुरी नजर से बचाने के लिए टोने -टोटके ,प्रार्थना आदि रक्षा स्वरुप करती है ,ठीक उसी तरह प्राचीन समय में भी रक्षा स्वरूप उपाय किये जाते थे|जिसमे ममत्व की झलक विद्धमान होती थी।यशोदा और रोहणी के साथ गोपियों ने गाय  की पूँछ घुमाना आदि उपायों से बालक श्री कृष्ण के अंगों की सब प्रकार से रक्षा की।पूतना एक राक्षसी थी जिनके स्तन का दूध भगवान ने बड़े प्रेम से पिया,उन गायों और माताओं की बात ही क्या है ,वे भगवान श्रीकृष्ण को अपने पुत्र के रूप देखती थी ,फिर जन्म -मृत्यु रूपी  संसार  के चक्र  में कभी नहीं पड सकती। पूतना को परम गति प्राप्त होना यानि पूतना मोक्ष भी मातृत्व का सन्देश है । 

संजय वर्मा “दृष्टि”

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /antriksh.sanjay@gmail.com 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच