कविता

बहुत कीमती है आपका वोट

कीमत पहचानो बहुत कीमती है आपका वोट

लालच में मत आना चाहे दे कोई उपहार या नोट

लोकतंत्र बचेगा सुदृढ़ होगा चलेगा कई साल

एक बार जो गलत गया तो लगेगी बहुत चोट

लालच में किसी के तुम कभी मत आना

वरना पड़ेगा पांच साल फिर पछताना

दूसरों की मीठी मीठी बातों में भी मत आना

खुद भी समझना औरों को भी समझाना

ऐसे आदमी से रहना पड़ेगा दूर

जो वोटों की खातिर है आपस में लड़ाता 

खुद तो करता है मौज मस्ती

आपसी रिश्तों को है तोड़ जाता 

वोट का अपने नहीं करोगे यदि सही प्रयोग

पांच वर्ष तक नहीं रहेगा अच्छे ग्रहों का योग

एक निवाला नहीं मिलेगा जनता को

खाएंगे वह पांच वर्ष तक छत्तीस भोग

नशा कोई भी मत करना बोतल के आगे न बिकना

खुद्दारी को आगे रखना वरना उम्रभर पड़ेगा झुकना

लालच में तुम मत आ आना न ही धन पर नज़र गड़ाना

सुनना केवल मन की बात ध्यान और पर मत धरना

वोट डालने को हम सब ने पोलिंग बूथ पर मिलकर जाना 

लोकतंत्र का बड़ा पर्व है हम सबने है खूब मनाना

देश विरोधी ताकतों को मिलकर है सबक सिखाना

सुदृढ़ लोकतंत्र से भारत का भविष्य है बनाना

— रवींद्र कुमार शर्मा

*रवींद्र कुमार शर्मा

घुमारवीं जिला बिलासपुर हि प्र