कविता

नर्स दिवस 

नर्स का काम  कितना कठिन होता है, 

रात दिन मरीजों की सेवा करना काम है,

सबकुछ भूलकर हर मरीज़ की सेवा करती हैं, 

सबकी जान बचाती है, 

रात दिन की परवाह ना करती, 

एक माँ का फर्ज निभाती हैं, 

नर्स कभी थकती नहीं, 

कभी हार मनाती नहीं, 

कई मरीजों को मौत के मुह से बचाती, 

डॉक्टर के बाद नर्स ही भगवान का रूप होती हैं, 

निस्वार्थ सेवा भाव उनका रहता है, 

मन में प्रेम करुणा का भाव लिए, 

दूसरों के जीवन में प्रकाश भरती ,

सभी नर्स को मेरा कोटि कोटि प्रणाम है।।

— गरिमा लखनवी

गरिमा लखनवी

दयानंद कन्या इंटर कालेज महानगर लखनऊ में कंप्यूटर शिक्षक शौक कवितायेँ और लेख लिखना मोबाइल नो. 9889989384