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ठहरे हुए लम्हे

ठहरे हुए लम्हे

“रमेश की अम्मा, कल से मुझे फिर से सुबह पाँच बजे निकलना होगा परेड ग्राउंड के लिए। याद से जगा देना।” मोहनलाल ने कहा।
“क्या ? सुबह पाँच बजे ?” श्रीमती जी चकित थीं, मोहनलाल की बात सुनकर।
आखिर हों भी क्यों नहीं ? तीन महीने पहले सीमा पर एक आतंकवादी हमले में अपने जवान हवलदार बेटे रमेश को खोने के बाद मानो उन्हें लकवा मार गया था। जीवन मानों ठहर सा गया था। दिनभर घर में गुमसुम से पड़े रहते थे। कभी घर से बाहर निकलते भी तो अनमने से। कहीं बैठ गए, तो घंटों बैठे एकटक आसमान की ओर निहारते रहते। आज उनके मुंँह से ये बात सुनकर उन्हें अच्छा भी लगा।
“क्यों ? इसमें आश्चर्य की क्या बात है ? हमारा बेटा शेर दिल था। छह आतंकवादियों को मारकर शहीद हुआ है। वह हमारे दिलों में जिंदा है। हमें  यूँ मायूसी में देखकर उसकी आत्मा को शांति नहीं मिलेगी। इसलिए मुहल्ले के 10-12 लड़कों को सेना में भर्ती के लिए तैयार कराऊँगा। एक रमेश के बदले दस रमेश तैयार करूँगा। आखिर ये भी तो रमेश जैसे ही हैं।”
“हाँ, सो तो है ही, पर क्या ये लड़के आपसे ट्रेनिंग लेने आएँगे ?” श्रीमती जी ने आशंकित हो पूछा।
“अरे रमेश की अम्मा, उन्हीं लड़कों ने तो मुझे आज घेर लिया और कहा कि यदि आप हमें ट्रेंड नहीं करेंगे, तो रमेश ने जो नींव डाली है, उसे बुलंदियों तक कैसे पहुँचाया जा सकता है। यदि आप एक रमेश तैयार कर सकते हैं, तो हमें पूरा विश्वास है कि आप सौ रमेश भी तैयार कर सकते हैं। रमेश की अम्मा, मैं सौ का दावा तो नहीं करता, पर हाँ तुम देखना, मैं दस रमेश जरूर तैयार कर दूँगा।” मोहनलाल ने मानो निश्चय कर लिया लिया था।
“मुझे आप पर पूरा विश्वास है जी। आप दस तो क्या, भारतमाता की सेवा के लिए सौ रमेश भी तैयार कर सकते हैं। अब आप सो जाइए। सुबह जल्दी उठना भी तो है।” श्रीमती जी ने दीवार पर टंगी हुई अपने शहीद बेटे की तस्वीर को देखते हुए कहा।
– डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा

रायपुर, छत्तीसगढ़

*डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा

नाम : डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा मोबाइल नं. : 09827914888, 07049590888, 09098974888 शिक्षा : एम.ए. (हिंदी, राजनीति, शिक्षाशास्त्र), बी.एड., एम.लिब. एंड आई.एससी., (सभी परीक्षाएँ प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण), पीएच. डी., यू.जी.सी. नेट, छत्तीसगढ़ टेट लेखन विधा : बालकहानी, बालकविता, लघुकथा, व्यंग्य, समीक्षा, हाइकू, शोधालेख प्रकाशित पुस्तकें : 1.) सर्वोदय छत्तीसगढ़ (2009-10 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 2.) हमारे महापुरुष (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 10-10 प्रति नि: शुल्क वितरित) 3.) प्रो. जयनारायण पाण्डेय - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 4.) गजानन माधव मुक्तिबोध - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 5.) वीर हनुमान सिंह - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 6.) शहीद पंकज विक्रम - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 7.) शहीद अरविंद दीक्षित - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 8.) पं.लोचन प्रसाद पाण्डेय - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 9.) दाऊ महासिंग चंद्राकर - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 10.) गोपालराय मल्ल - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 11.) महाराज रामानुज प्रताप सिंहदेव - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 12.) छत्तीसगढ रत्न (जीवनी) 13.) समकालीन हिन्दी काव्य परिदृश्य और प्रमोद वर्मा की कविताएं (शोधग्रंथ) 14.) छत्तीसगढ के अनमोल रत्न (जीवनी) 15.) चिल्हर (लघुकथा संग्रह) 16.) संस्कारों की पाठशाला (बालकहानी संग्रह) 17.) संस्कारों के बीज (लघुकथा संग्रह) अब तक कुल 17 पुस्तकों का प्रकाशन, 80 से अधिक पुस्तकों एवं पत्रिकाओं का सम्पादन. अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादक मण्डल सदस्य. मेल पता : [email protected] डाक का पता : डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा, विद्योचित/लाईब्रेरियन, छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम, ब्लाक-बी, ऑफिस काम्प्लेक्स, सेक्टर-24, अटल नगर, नवा रायपुर (छ.ग.) मोबाइल नंबर 9827914888