माँ
माँ, जीवन की धुरी है,
माँ, रेशम की डोरी है,
माँ से सजता घर-परिवार,
माँ ममता की छाँव है।
दया, त्याग, करुणा मूर्ति,
प्रभु परमात्मा की प्रतिकृति,
अपने अंश की शिल्पकार,
माँ, धर्म, संस्कार, संस्कृति।।
माँ, जीवन की धुरी है,
माँ, रेशम की डोरी है,
माँ से सजता घर-परिवार,
माँ ममता की छाँव है।
दया, त्याग, करुणा मूर्ति,
प्रभु परमात्मा की प्रतिकृति,
अपने अंश की शिल्पकार,
माँ, धर्म, संस्कार, संस्कृति।।