कविता

अकेलापन

लक्ष्य है तो दुनियां में,
प्रयास करते हैं लोग।
शरारत है तो,
खुशियां और सुकून मिलता है,
हमेशा अहसास दिलाने का,
लगता है रोग।

लक्ष्य और उद्देश्य से,
जीवन संवरती है।
आनन्द और प्रसन्नता,
यही पलतीं और उत्साह से,
घुमती रहती है।

लक्ष्य हीन भाव में,
सुकून अक्सर मर जाती है।
अत्यधिक सुंदर माहौल में,
आनन्द और प्रसन्नता,
आंखें बिछाए निहारतीं रहतीं हैं।

उम्मीदों को पूरा करने में,
लक्ष्य और उद्देश्य से,
एक सिराहना मिलता है।
आगे बढ़ने में,
इन्सानियत को बरकरार रखने का,
एक खूबसूरत बहाना,
सबको नसीब होता है।

आगे पढ़ें और उत्साह से भरपूर होकर,
खुशियों की तलाश जरूरी है।
यही कौशल और उत्साह से,
हमेशा सकारात्मक सोच रहें,
इसके लिए उन्नत ढंग से,
प्रयास करने की हिम्मत,
हम-सब की बन चुकी मजबूरी है।

हिम्मत है तो दुनिया आबाद है,
अकेलापन ही सबसे बड़ा राज है।
यही वजह बनती है,
सफलता की आंधी तभी चलतीं है।

लक्ष्य हीन भावना से निकली हुई आवाज,
सम्मान और पुरस्कार नहीं पातीं है।
खुशियां और उत्साह की दुनिया,
गमगीन माहौल में,
ढलने में लग जातीं हैं।

— डॉ. अशोक

डॉ. अशोक कुमार शर्मा

पिता: स्व ० यू ०आर० शर्मा माता: स्व ० सहोदर देवी जन्म तिथि: ०७.०५.१९६० जन्मस्थान: जमशेदपुर शिक्षा: पीएचडी सम्प्रति: सेवानिवृत्त पदाधिकारी प्रकाशित कृतियां: क्षितिज - लघुकथा संग्रह, गुलदस्ता - लघुकथा संग्रह, गुलमोहर - लघुकथा संग्रह, शेफालिका - लघुकथा संग्रह, रजनीगंधा - लघुकथा संग्रह कालमेघ - लघुकथा संग्रह कुमुदिनी - लघुकथा संग्रह [ अन्तिम चरण में ] पक्षियों की एकता की शक्ति - बाल कहानी, चिंटू लोमड़ी की चालाकी - बाल कहानी, रियान कौआ की झूठी चाल - बाल कहानी, खरगोश की बुद्धिमत्ता ने शेर को सीख दी , बाल लघुकथाएं, सम्मान और पुरस्कार: काव्य गौरव सम्मान, साहित्य सेवा सम्मान, कविवर गोपाल सिंह नेपाली काव्य शिरोमणि अवार्ड, पत्राचार सम्पूर्ण: ४०१, ओम् निलय एपार्टमेंट, खेतान लेन, वेस्ट बोरिंग केनाल रोड, पटना -८००००१, बिहार। दूरभाष: ०६१२-२५५७३४७ ९००६२३८७७७ ईमेल - [email protected]