अकेलापन
लक्ष्य है तो दुनियां में,
प्रयास करते हैं लोग।
शरारत है तो,
खुशियां और सुकून मिलता है,
हमेशा अहसास दिलाने का,
लगता है रोग।
लक्ष्य और उद्देश्य से,
जीवन संवरती है।
आनन्द और प्रसन्नता,
यही पलतीं और उत्साह से,
घुमती रहती है।
लक्ष्य हीन भाव में,
सुकून अक्सर मर जाती है।
अत्यधिक सुंदर माहौल में,
आनन्द और प्रसन्नता,
आंखें बिछाए निहारतीं रहतीं हैं।
उम्मीदों को पूरा करने में,
लक्ष्य और उद्देश्य से,
एक सिराहना मिलता है।
आगे बढ़ने में,
इन्सानियत को बरकरार रखने का,
एक खूबसूरत बहाना,
सबको नसीब होता है।
आगे पढ़ें और उत्साह से भरपूर होकर,
खुशियों की तलाश जरूरी है।
यही कौशल और उत्साह से,
हमेशा सकारात्मक सोच रहें,
इसके लिए उन्नत ढंग से,
प्रयास करने की हिम्मत,
हम-सब की बन चुकी मजबूरी है।
हिम्मत है तो दुनिया आबाद है,
अकेलापन ही सबसे बड़ा राज है।
यही वजह बनती है,
सफलता की आंधी तभी चलतीं है।
लक्ष्य हीन भावना से निकली हुई आवाज,
सम्मान और पुरस्कार नहीं पातीं है।
खुशियां और उत्साह की दुनिया,
गमगीन माहौल में,
ढलने में लग जातीं हैं।
— डॉ. अशोक