कविता

पहाड़

पहाड़ और पहाड़ का दर्द

लिखना बहुत कठिन है।

क्योंकि..! 

कभी नदी लिखनी पड़ेगी… 

कभी पहाड़ लिखने पड़ेंगे… 

कभी हवा लिखनी पड़ेगी… 

कभी बारिश लिखनी पड़ेगी… 

कभी धूप लिखनी पड़ेगी… 

तो कभी बर्फ लिखनी पड़ेगी…

इतना सब कुछ लिखने के बाद भी 

तुम अपनी कविता को पहाड़ जैसा 

स्वर्ग नहीं बना पाओगे।

— दीप खिमुली

दीप खिमुली

स्वतंत्र लेखक व पत्रकार दिल्ली