Author: दीप खिमुली

पर्यावरण

हसदेव जंगलों का दर्द कौन सुनेगा ?

“अहो एषां वरं जन्म सर्व प्राण्युपजीवनम्। धन्या महीरूहा येभ्यो निराशां यान्ति नार्थिन:।।” इस श्लोक का अर्थ है- सब प्राणियों पर

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