बूंदे बारिश की
बूंदे बारिश की छू- छू मुझे कह रहीं
बूंदे बारिश की छू- छू मुझे कह रहीं
चल किरण आज संग मेरे तू भी कहीं
जिंदगी है मिली कर लें साकार हम
चाहे दे वक्त हमको खुशी या कि गम
इम्तिहान जिंदगी का बहुत है कठिन
शून्य से ही शुरू कर के तू इसको गिन
ठान लेगी अगर पास हो जायेगी
मुश्किलें रोकें राहें तो रुकना नहीं
बूंदे बारिश की छू- छू मुझे कह रहीं
चल किरण आज संग मेरे तू भी कहीं
ये हवाएँ भी फिर से बहकने लगीं
सर की चूनर सरर सर सरकने लगी
मन हमारा मतंग आज मदहोश है
चाहता कहना कुछ किंतु खामोश है
साँसें संग धड़कनों के थिरकने लगीं
पाँव पायल स्वयं ही छनकने लगीं
मान ले दिल का कहना नहीं सोच अब
ले – ले निर्णय स्वयं हो गलत या सही
बूंदे बारिश की छू- छू मुझे कह रहीं
चल किरण आज संग मेरे तू भी कहीं
खोल दे आज दिल की तू हर खिड़कियाँ
लाख तुझको डराये कड़क बिजलियाँ
नाच ले झूम ले खोल के जी जरा
मन की शक्ति जगा दिल के डर को हरा
छूने दे अंग अपना मुझे प्यार से
मैं निकालूंगी तुझको भी मझधार से
राहें दिखलाउंगी मंजिलों की तुझे
फिर मैं समझाउंगी हर कही अनकही
बूंदे बारिश की छू- छू मुझे कह रहीं
चल किरण आज संग मेरे तू भी कहीं
— किरण