पेड़ हैं तो हम हैं
आओं हम पेड़ लगाए
धरा हरी – भरी बनाएं ।
की जो गलतियां हमने
उसका पश्चाताप मनाएं ॥
आओं हम पेड़ लगाएं
खट्टे – मीठे फल पाएं ।
पेड़ देते शीतल छांव
शुध्द हवा इनसे पाएं ॥
आओं हम पेड़ लगाएं
खुशियों के गीत गाएं ।
पेड़ों का कर संरक्षण
जीवन सफल बनाएं ।।
— गोपाल कौशल भोजवाल