कविता

पेड़ हैं तो हम हैं

आओं हम पेड़ लगाए
धरा हरी – भरी बनाएं ।
की जो गलतियां हमने
उसका पश्चाताप मनाएं ॥

आओं हम पेड़ लगाएं
खट्टे – मीठे फल पाएं ।
पेड़ देते शीतल छांव
शुध्द हवा इनसे पाएं ॥

आओं हम पेड़ लगाएं
खुशियों के गीत गाएं ।
पेड़ों का कर संरक्षण
जीवन सफल बनाएं ।।

— गोपाल कौशल भोजवाल

गोपाल कौशल "भोजवाल"

नागदा जिला धार मध्यप्रदेश 99814-67300