गिरगिट
पहुँचा गिरगिट
भगवान के दरबार में
पहुँच कर सामने उनके
यूँ गिड़गिड़ाने लगा
है प्रभु
करो दया
हमें आदमी बना दो
गिरगिट बना रहना नहीं चाहते अब हम
प्रभु बोले ऐसा क्या हो गया
तू जो गिरगिट से बनना चाह रहा आदमी
गिरगिट बोला प्रभु
जो चरित्र आपने
मौका देखकर
रंग बदलने का दिया था हमें
उसे तो हमसें चुरा लिया आदमी ने
फिर क्यों न हमें गिरगिट से
जमात में आदमी की शामिल कर दिया जाये.