गीत/नवगीत

दो गीत

गीत 1
न करना अब याद वफाएं न यादों में आना तुम ।
नदिया के तट कहां मिलते हैं सोच के दिल समझाना तुम ।।

मिलन के मौसम आएंगे फिर मन को मत भरमाना तुम ।
फिर रंगों की होगी बारिश मत यह ख्वाब सजाना तुम ।।
विरह – वेदना का विष सारा चुपके से पी जाना तुम।
न करना अब याद वफाएं ना यादों में आना तुम ।।

एक परवाना शमा कि लौ से जब जाकर टकराया था ।
प्यार की खातिर उसने जलकर अपना आप मिटाया था ।।
अब हाल पर उसके छोड़ के उसको प्रीत की रीत निभाना तुम न करना अब याद वफाएं न यादों में आना तुम ।।

यादों का जब कोई परिंदा दिल की मुंडेर पे आ बैठे ।
गुजरे हुए मुकाम के किस्से यारा तुम्हें सुना बैठे ।।
सच कहता हूं ऐसे पंछी को ना दाना पाना तुम ।
न करना अब याद वफाएं न यादों में आना तुम।।

बंजर धरती पर एहसास की बेलें कहां पनपती है ।
टूटे हुए जज्बात की यारा चूड़ियां कहां खनकती हैं ।।
पत्थर की इस दुनिया को न दर्द की खनक सुनाना तुम।
न करना अब याद वफाएं ना यादों में आना तुम।।


गीत2
सीने में उठती हूक सी पलकें भिगो गई ।
एक याद जिगर में जली और सुबह हो गई।।

किस्सा है हुस्न औ इश्क का इतना हसीन सा ।
आसमां को तरसती जैसे जमीन का ।।
विरहिणी सी रात सर्पिणी सी हो गई ।
एक याद जिगर में जली और सुबह हो गई ।।

महकी हवाओ रोक लो मेरे हबीब को ।
ले चला है साथ वह मेरे नसीब को ।।
कैसे जिएगी जोगिन जो तेरी हो गई ।
एक याद जिगर में जली और सुबह हो गई।।

जलते हुए चिराग़ो संग रहना रात भर ।
साथ मेरे दर्द तुम भी सहना रात भर ।।
विरह की मारी आज कांटों पे सो गई ।
एक याद जिगर में जली और सुबह हो गई ।।

— अशोक दर्द

अशोक दर्द

जन्म –तिथि - 23- 04 – 1966 माता- श्रीमती रोशनी पिता --- श्री भगत राम पत्नी –श्रीमती आशा [गृहिणी ] संतान -- पुत्री डा. शबनम ठाकुर ,पुत्र इंजि. शुभम ठाकुर शिक्षा – शास्त्री , प्रभाकर ,जे बी टी ,एम ए [हिंदी ] बी एड भाषा ज्ञान --- हिंदी ,अंग्रेजी ,संस्कृत व्यवसाय – राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में हिंदी अध्यापक जन्म-स्थान-गावं घट्ट (टप्पर) डा. शेरपुर ,तहसील डलहौज़ी जिला चम्बा (हि.प्र ] लेखन विधाएं –कविता , कहानी , व लघुकथा प्रकाशित कृतियाँ – अंजुरी भर शब्द [कविता संग्रह ] व लगभग बीस राष्ट्रिय काव्य संग्रहों में कविता लेखन | सम्पादन --- मेरे पहाड़ में [कविता संग्रह ] विद्यालय की पत्रिका बुरांस में सम्पादन सहयोग | प्रसारण ----दूरदर्शन शिमला व आकाशवाणी शिमला व धर्मशाला से रचना प्रसारण | सम्मान----- हिमाचल प्रदेश राज्य पत्रकार महासंघ द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कविता प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए पुरस्कृत , हिमाचल प्रदेश सिमौर कला संगम द्वारा लोक साहित्य के लिए आचार्य विशिष्ठ पुरस्कार २०१४ , सामाजिक आक्रोश द्वारा आयोजित लघुकथा प्रतियोगिता में देशभक्ति लघुकथा को द्वितीय पुरस्कार | इनके आलावा कई साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित | अन्य ---इरावती साहित्य एवं कला मंच बनीखेत का अध्यक्ष [मंच के द्वारा कई अन्तर्राज्यीय सम्मेलनों का आयोजन | सम्प्रति पता –अशोक ‘दर्द’ प्रवास कुटीर,गावं व डाकघर-बनीखेत तह. डलहौज़ी जि. चम्बा स्थायी पता ----गाँव घट्ट डाकघर बनीखेत जिला चंबा [हिमाचल प्रदेश ] मो .09418248262 , ई मेल --- [email protected]