ग़ज़ल
तुम मुझे बज़्म में इक बार बुलाओ तो सही
मुझसे वादा जो किया है वो निभाओ तो सही
बैठकर बात करेंगे यूं मुहब्बत से हम
कुछ हसीं पल मेरे भी साथ बिताओ तो सही
राज क्या दिल में छुपाए हो सनम तुम
दर्द अपना भी कभी मुझसे बताओ तो सही
हम निभा देंगे किये वादे जो तुमसे यारा
तुम भी शिद्दत से गले हमको लगाओ तो सही
— प्रीती श्रीवास्तव