कविता

तिन्ना छंद

1
मेरी राधा।
देखो बाधा।।
लागे नैना।
ना ही चैना।।
2
तू ही न्यारी।
मेरी प्यारी।।
देवी सारी।
जो है नारी।।
3
जागे रैना।
मेरे नैना।।
बोले बैना।
तू ही चैना।।

— डॉ. अनीता पंडा ‘अन्वी’

डॉ. अनीता पंडा

सीनियर फैलो, आई.सी.एस.एस.आर., दिल्ली, अतिथि प्रवक्ता, मार्टिन लूथर क्रिश्चियन विश्वविद्यालय,शिलांग वरिष्ठ लेखिका एवं कवियत्री। कार्यक्रम का संचालन दूरदर्शन मेघालय एवं आकाशवाणी पूर्वोत्तर सेवा शिलांग C/O M.K.TECH, SAMSUNG CAFÉ, BAWRI MANSSION DHANKHETI, SHILLONG – 793001  MEGHALAYA aneeta.panda@gmail.com 

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