कविता

कर्म की खुशी

हर कर्म में कठिनाई होती हैयह समझने की जरूरत हैइस कठिनाई से पार पाने के लिएसंकल्प शक्ति विकसित कीजिएऔर खुद पर विश्वास कीजिए,सफलता बड़ी आसानी से नहीं मिलतीसफलता के लिए कर्म कीजिएकर्म पथ की कठिनाईयों सेदो दो हाथ कीजिए।तब सफलता के दर्शन होंगे जिसमें आपके कर्म और कठिनाइयों केअनुभव संग खुशियों के पल होंगे और तब आप भी खुशी से झूम उठेंगे।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921