राजनीति

भारत क्षमा नहीं करेगा

लोकसभा सदन में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का भाषण था, अपने भाषण के आरंभ में ही जब राहुल गांधी खड़े हुए तब कुछ सांसद भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे, राहुल गांधी इस पर मौन रहे, कांग्रेस के कुछ सांसदों ने इसका विरोध भी किया, परन्तु जय संविधान शब्द सुनकर राहुल गांधी ने तुरंत जय संविधान कहा। अर्थात वे भारत माता की जय नारे से बचते नजर आए, वरना वे एक वाक्य में भारत माता की जय कहकर शोर करने वालों को शांत भी कर सकते थे, परन्तु तब वे मौन रहे। इसके बाद उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग अब संविधान संविधान कहने लगे है। उन्होंने अपने भाषण के लिए अंग्रेजी को चुना जिसमें वे थोड़े अधिक कुशल वक्ता है। इसके बाद उन्होंने गरीबों, वंचितों के उत्पीड़न पर आवाज उठाई, इसके बाद उन्होंने स्वयं पर होने वाले राजनीतिक हमलों को सदन के सामने रखा। फिर NEET परीक्षा में हुए पेपर लीक विषय पर जोर देकर सरकार के फेल्यर पर सभी का ध्यान केंद्रित करवाया। एक नेता के रूप में यहां तक भी सब ठीक था। परन्तु इसके बाद राहुल गांधी अपनी हदें भूल गए। राहुल गांधी ने भोलेनाथ, यीशु मसीह, व अन्य मजहबी चित्र दिखाकर सदन व देश को गुमराह करने का षड्यंत्र किया। उनका पूरे भाषण में जोर इसी बात पर था कि ये सभी दैवीय शक्तियां हाथ का निशान दिखा रही है। अपने भ्रमित वाक्यों से हिन्दू देवता सहित अन्य पन्थो की भी गलत अवधारणा प्रस्तुत करने से राहुल गांधी बाज नही आये, जब उन्होंने अभय मुद्रा को कांग्रेस के चुनाव चिन्ह से जोड़ दिया। भोलेनाथ, गुरुनानक, इस्लाम में दुआ मांगते हुए हाथ, बुद्ध, महावीर आदि को दिखाकर भ्रम बनाने का षड्यंत्र किया, सभी को अहिंसक बता कर अब राहुल गांधी ने अपनी भूमिका बना ली थी, अब अपना हमला हिंदुत्व पर आरंभ किया। 

उन्होंने हिन्दू को हिंसक बताया, हिंसक अर्थात हत्यारा।

उन्होंने कहा “जो अपने आपको हिन्दू कहते है वो 24 घंटे हिंसा हिंसा हिंसा नफरत नफरत नफरत करते है।” यह करोड़ो हिन्दू समाज को मानने वाले और धर्म में आस्था रखने वाले देशवासियों के अपमान था। वह हिन्दू जो सदियों से पहाड़ो, नदियों, पेड़ पौधों का पूजन करता आया है, वह हिन्दू जो गौ में माता के दर्शन करता है, वह हिन्दू जो छोटी सी चींटी से लेकर मछलियों, व अन्य सभी पशुओं को भोजन देता है, प्राणी मात्र के रूप में उनसे स्नेह रखता है। जिसने अपने ही देश को विभाजित होते देखा, जिसने अपने मन्दिर टूटते देखे, जिसने इस्लामिक बर्बरता को झेला, जिसने मेला उठाना स्वीकार किया परन्तु अपना धर्म नही बदला, जिसने मुगलों, अफगानों, तुर्कों के अत्याचार सहे परन्तु कभी किसी अन्य देश पर कोई आक्रमण या अत्याचार नही किया। 

राहुल गांधी यहां तक भी नही रुके, जबकि सदन में सेकड़ो सांसद उनका विरोध कर रहे थे, वे आगे कहते है कि हिन्दू धर्म में लिखा है कि सत्य के साथ खड़े रहो, यह एक बात सही कहकर फिर ना जाने कुछ भी मनगढ़ंत बोले जा रहे थे। हिन्दू धर्म को कोड करके अपने झूठ को सत्य बताने पर राहुल गांधी को पूरे देश से मांफी मांगनी चाहिए। करोड़ो हिन्दू धर्मावलंबियों के ह्रदय को आहत करने के लिए उन्हें देश से मांफी मांगनी चाहिए। अपनी कम बुद्धि के आधार पर देश को गुमराह करने के लिए उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए, परन्तु क्या ये मांफी देने योग्य है ? क्योंकि यह फरेब पहली बार नही राहुल गांधी ऐसे झूठ और गुमराह करने वाले भाषण के बार दे चूजे है  और भूतकाल में ऐसा कई बार कर चुके है, चौकीदार चोर है, राफेल खरीदी में झूठ पर राहुल गांधी ने न्यायालय में माफी मांगी है। पहले जनता को गुमराह करते है फिर जब न्यायालय में वाद दायर होते है जब झूठ और मनगढ़ंत बातों का आधार नही मिलता तब ये माफी मांग लेते है। इस बार राहुल गांधी को दंडित करना अत्यंत आवश्यक है। हिन्दू समाज जो इस देश की आत्मा है, जिसने सभी पन्थो को भारत में शरण दी, यदि उसे कोई हिंसक कहता है तो यह क्षमा दान योग्य नही है, फिर राहुल गांधी जैसा एक प्रतिष्ठित व्यक्ति जिसके भाषण से देश के लाखों युवा भ्रमित होते हो तो इस पर यह आवश्यक है कि इन्हें दंडित किया जाए ताकि राजनीति के चलते धर्म, धार्मिक आस्थाओं, देवी देवताओं व धर्म को मानने वालों का कोई इस तरह अपमान न कर सके। 

परन्तु देखने वाली बात यह भी है कि राहुल गांधी ने हिन्दू को हिंसक कहा। तब देश में जितना विरोध आक्रोश होना था वह दिखाई नही दिया। तो क्या हम यह समझें कि कांग्रेस और अन्य विपक्ष देश को जाति में विभाजित करने में सफल रहा। यहां यदि आदिवासी, गुर्जर, पाटीदार, राजपूत, ब्राह्मण, यादव, को हिंसक कह दिया जाता तो कई प्रदेशों में हिंसा हो जाती। तो क्या हम यह समझें कि हिन्दू समाज के अपमान पर भी हमारा मौन राहुल गांधी कैसे गुमराह करने वाले नेताओं को बल देने का कार्य करता है। जब जातिवाद की बात आती है तो जातिवादी गुट और नेता हिंसा पर उतारू हो जाते है, परन्तु हिन्दू के अपमान पर उनका एक वक्तव्य तक नही आता। देश व समाज को ऐसे जातिवादी लोगों की सच्चाई भी समझना चाहिए।

हम समझें यदि हिन्दू वास्तव में हिंसक होता तो क्या हम 800 वर्ष मुगलों और 200 वर्ष अंग्रेजो के गुलाम होते।  यदि हिन्दू हिंसक होते तो, मजहब के आधार पर पाकिस्तान कभी नही बनता। हिंसक होते तो , रामलला 495 वर्ष टाट में नही रहते। हिंसक होते तो, देश में इस्लामिक आतंकवाद नही होता। हिंसक होते तो , अपने मंदिर टूटकर, मस्जिदें नही बनी होती। हिंसक होते तो , मदरसों में जिहाद की जगह रामायण पढ़ाई जाती। हिंसक होते तो , विश्व में कई देश हिन्दू राष्ट्र होते। क्या तुम्हें अब भी हिन्दू हिंसक दिखते है ? तो इस बेवकूफ इंसान, अधर्मी, निर्लज्ज, दुष्ट, झूठ बोलने वाले, देश को गुमराह करने वाले राहुल गांधी को यह समझ नही आता।

वास्तव में कांग्रेस ने अपने भाषण, कृत्यों, चुनावी घोषणा पत्रों से कई बार हिंदुत्व का विरोध किया, हिंदुत्व को दबाने समाप्त करने के षड्यंत्र किए। हिन्दू वादी संस्थाओं को फंसाने के षड्यंत्र किए। यह बात देशवासियों से छुपी नही है। सूत्रों के अनुसार 26/11 मुम्बई पर हुए सबसे बड़े आतंकी हमले में भी कांग्रेस नेता इसी प्रकार कुछ हिन्दुविरोधी लोगों को लेकर मुम्बई हमले के लिए हिन्दू समाज पर दोषारोपण करने और हिन्दू आतंकवाद का भ्रम गढ़ने ही वाले थे कि भारतीय सेना व NSG ने पाकिस्तानी आतंकी कसाब को जिंदा पकड़ कर उनका यह षड्यंत्र विफल कर दिया। 

परन्तु अब यह सरकारों को नही यह देश को तय करना होगा कि इस प्रकार हिन्दू धर्म को मानने वालों को हिंसक, हत्यारा, असत्य बोलने वाला, नफरत करने वाला बताकर कांग्रेस और विपक्षी दल ने सही किया या गलत। अब यह देश पुराना भारत नही, यह नया भारत हर अपमान का मुंहतोड़ जवाब देना जानता है। देश की आत्मा में बसे हिंदुत्व के अपमान का हिसाब जनता अवश्य लेगी। संविधान आपको अपनी बात रखने का अधिकार अवश्य देता है परन्तु देश के करोड़ो हिन्दू बंधुओ का अपमान करने का नही। राहुल गांधी भले ही संविधान या कानून की आड़ लेने से बच जाए, लोकसभा सदन राहुल गांधी को दंडित करे या न करे। देश की जनता तुम्हें कभी क्षमा नही करेगी।

— मंगलेश सोनी

*मंगलेश सोनी

युवा लेखक व स्वतंत्र टिप्पणीकार मनावर जिला धार, मध्यप्रदेश

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