क्षणिका

हम दो हमारे दो

हम भी न

आज होते 

अगर हम दो 

हमारे दो 

का नारा 

हमारे माता पिता 

ने भी लगाया होता 

न हमारा अवतरण होता 

न कोई मनाता 

जन्मदिन हमारा

*ब्रजेश गुप्ता

मैं भारतीय स्टेट बैंक ,आगरा के प्रशासनिक कार्यालय से प्रबंधक के रूप में 2015 में रिटायर्ड हुआ हूं वर्तमान में पुष्पांजलि गार्डेनिया, सिकंदरा में रिटायर्ड जीवन व्यतीत कर रहा है कुछ माह से मैं अपने विचारों का संकलन कर रहा हूं M- 9917474020