बाबा का सत्संग
हाथरस में हाहाकार
मचा मौत का तांडव.
सत्संग हुआ लाचार,
न हो पाए दुःख दूर,
सैकड़ो सांसे हुई फूर,
देखते रह गए पांडव.
पैर छूने की ललक,
दिखा दिया फ़लक.
अब तो संभल जाओ,
कि चली गई जानें,
चले थे पुण्य कमाने,
लो बाबा के सन गए हाथ,
पहन लिए ख़ूनी दस्ताने.
जान लो नहीं हैं ताक़त,
किसी बाबा के सत्संग में,
दैनिक समस्याओं को
जीवन में पार लगाने की.
गर होता चमत्कार तो
लिवा लाते यमराज को,
और बिठा लेते बगल में
वापस कर देते ख़ूनी दस्ताने.
— संजय एम. तराणेकर