गीतिका/ग़ज़ल

हर उजाले की यहां पर उम्र दर्ज है

सुबह गुजर गई, दोपहर में आ गये
अब सांझ तेरी ओर बढ़ती आ रही।


न जला तू तेज किरनों से यहां सबको
निशा की ओर जिन्दगी तेरी भी जा रही


पूनम की रात से इतराना नही अच्छा
कुछ दिन ठहर जा अमावस भी आ रही


नाखुदा जिनके नही उनके यहां खुदा
मझधार भी तू देख लहर ऊंची आ रही


हर उजाले की यहां पर उम्र दर्ज है
इस ‘‘राज’’ में भी रात अंधेरी आ रही

राज कुमार तिवारी ‘‘राज’’
बाराबंकी उ0प्र0

राज कुमार तिवारी 'राज'

हिंदी से स्नातक एवं शिक्षा शास्त्र से परास्नातक , कविता एवं लेख लिखने का शौख, लखनऊ से प्रकाशित समाचार पत्र से लेकर कई पत्रिकाओं में स्थान प्राप्त कर तथा दूरदर्शन केंद्र लखनऊ से प्रकाशित पुस्तक दृष्टि सृष्टि में स्थान प्राप्त किया और अमर उजाला काव्य में भी सैकड़ों रचनाये पब्लिश की गयीं वर्तामन समय में जय विजय मासिक पत्रिका में सक्रियता के साथ साथ पंचायतीराज विभाग में कंप्यूटर आपरेटर के पदीय दायित्वों का निर्वहन किया जा रहा है निवास जनपद बाराबंकी उत्तर प्रदेश पिन २२५४१३ संपर्क सूत्र - 9984172782