जीने का अधिकार
जीवन में हर सख्श का ,आभारी हूँ यार ,
जिनसे सीखा था कभी ,लोकचार व्यवहार।
दुश्मन जी को शुक्रिया ,जिनसे पाया खार ,
आगे बढ़ने की कला ,उनसे सीखा यार।
एक मुसाफिर जगत ये ,आते जाते लाेग,
थोड़े पाते दुख यहाँ ,कुछ करते सुख भोग।
तू कोशिश कर ले भले , जितनी चाहे यार ,
तिनका हूँ पर है मुझे ,जीने का अधिकार।
— महेंद्र कुमार वर्मा