मुक्तक/दोहा

जीने का अधिकार

जीवन में हर सख्श का ,आभारी हूँ यार ,
जिनसे सीखा था कभी ,लोकचार व्यवहार।

दुश्मन जी को शुक्रिया ,जिनसे पाया खार ,
आगे बढ़ने की कला ,उनसे सीखा यार।

एक मुसाफिर जगत ये ,आते जाते लाेग,
थोड़े पाते दुख यहाँ ,कुछ करते सुख भोग।

तू कोशिश कर ले भले , जितनी चाहे यार ,
तिनका हूँ पर है मुझे ,जीने का अधिकार।

— महेंद्र कुमार वर्मा

महेंद्र कुमार वर्मा

द्वारा जतिन वर्मा E 1---1103 रोहन अभिलाषा लोहेगांव ,वाघोली रोड ,वाघोली वाघेश्वरी मंदिर के पास पुणे [महाराष्ट्र] पिन --412207 मोबाइल नंबर --9893836328