सफ़ेद झूठ
अगर में सच लिख दूँ
जमाना बैरी हो जायेगा मेरा
नवाजेगा सौ सौ गलियों से
उतर आएगा
हनन करने को चरित्र मेरा
इसलिए मैंने
सच लिखना बंद कर दिया है
वही लिखता हूँ
जिसे पढ़
लोग करते हैं वाह वाह
चारों तरफ गुणगान करते हैं मेरा
वाह क्या लिखा है
जबकि मैं जानता हूँ
जो भी मैंने लिखा है
सब झूठ लिखा है